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सूरत के टेक्षटाईल मार्केट में जेकार्ड और एम्ब्रोइडरी वर्क के कपडे का मेन्युफेक्चारिंग का बहुत ही बड़ा मार्केट है I जेकार्ड और एम्ब्रोइडरी वर्क कानया कपडा बनाने के लिए हर रोज कोई न कोई नया क्रिएशन और नए-नए स्केच की जरूरत रहती है I ये काम एक अच्छा सा स्केचर (आर्टिस्ट) ही कर सकता है क्योकि उसे हररोज गारमेंट में नयी नयी डिज़ाइन बनानी होती है I
स्केच डिज़ाइनर वही बन सकता है जिसके पास ड्रोइंग करने की कुदरती कला होती है, जैसे की चित्र बनाना,पेंटिंग बनाना, हाथो में महेंदी लगाना एसा कोई भी आर्टिस्ट स्केच डिज़ाइनर बन सकता है या सिख सकता है Iस्केच डिज़ाइन का फिल्ड एक क्रिएटिव फिल्ड है और क्रिएटिव बन्दे की डिमांड इस फिल्ड में हररोज रहती है I जिसके पास ड्रोइंग, पेन्टिंग की स्किल है उसकी इस फिल्ड में एक अच्छी लाइफ बन जाती है I
जेकार्ड और एम्ब्रोइडरी स्केच डिज़ाइन में काम करके आप हर महीने में 10,000 से 50,000 और उससे भी जयादा कमाई कर सकते हो I डिज़ाइन सिखने में केवल 3 महिना जितना ही समय लगता है और उसकी फ़ीस भी बहुत ही नार्मल होती है | एक बार डिज़ाइनर बन जाने के बाद यह इनकम आप जब तक इस फिल्ड में काम करते हो तब तक रहती है और वो भी सब आप के उपर निर्भर रहता है |
डिज़ाइन के फिल्ड में केवल शारीरिक और मानसिक के साथ साथ आपको समय का इन्वेस्टमेंट करके हर महीने जितना चाहो उतना रुपये कमा सकते हे | आज के समय में देश में कई बड़े बड़े डिज़ाइनर है जो लाखो – करोडो रुपए कमा भी रहे है | इस फिल्ड में आप बहार यानि की खाते पे जाकर या फिर अपने घर पर बैठकर भी अच्छी सी कमाई कर शकते हो…
जेकार्ड और एम्ब्रोडरी स्केच डिजाईनमें शिख्नेवाले को ट्रेनिंग के बाद जॉब यानि की नोकरी की 100% गेरंटी दी जाती है I हमारी संस्था ‘मारुती एज्युकेशन ऑफ़ डिज़ाइन’ ट्रेनिंग की गारंटी इस लिए देती है, की मार्किट में जेकार्ड और एम्ब्रोइडरी स्केचडिज़ाइनर की हंमेशा डिमान्ड रहती है I
जेकार्ड और एम्ब्रोइडरी स्केच डिज़ाइन शिख्नेवाले किसी भी स्टुडन्ट्स को कोर्ष ख़तम हो जाने के बाद काम मिलना बहुत ही जरूरी होता है I काम मिलने के बाद भी डिज़ाइनर को काफी सारी तकलीफे आती है I उसी वक्त सपोर्ट की जरूरत होती है I एक बार कम्प्लीट डिज़ाइनर बन जाने के बाद भी मार्किट में बहुत सारे नए कन्सेप्ट आते रहते है I कई बार ऐसा होता है की कुछ कन्सेप्ट समज में नहीं आ रहे है, तब वो जानने के लिए सपोर्ट ( साथ – सहकार ) की जरूरत रहती है I मतलब की जब कभी डिज़ाइनर को डिज़ाइन के बारे में या जॉब के रिलेटेड कभी भी हेल्प की जरूरत हो तब हमारी संस्था सपोर्ट करने के लिए हमेशा तैयार रहती है I
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