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सूरत के टेक्सटाइल मार्केट में जिसे नंबर -1 का दर्जा दिया गया है ऐसेजेकार्ड डिज़ाइन में कोम्प्यूटर पर बैठकर सॉफ्टवेयर में सारी, ड्रेस, कुर्ती, चनिया चोली, शेरवानी जेसे गारमेन्ट का और हैंडलूम की प्रोडक्ट जेसे की बेड सिट, चद्दर, सोफा कवर, पिल्लो कवर,परदा जैसे कपडे की डिज़ाइन बनायी जाती है |
जेकार्ड डिज़ाइन का कोर्ष कोई भी सिख सिकता है, क्योंकी जेकार्डडिज़ाइन को कोम्प्यूटर पे ही बनाना होता है और आज के समय में कोम्प्यूटर पे काम करना और सिखना एकदम आसन और सरल है | तो आओ जानते है जेकार्ड डिज़ाइन के बारे में…
जेकार्ड डिज़ाइन यानि की डिज़ाइनवाला कपडा बनाने का मशीन, सदीओ से हम डिज़ाइनवाले कपडे बनाते आए है, पहले के समय में हाथो से कपडा गुनने का होता था, और अब तक कपडा मिकेनिकल जेकार्ड के मशीन में कपडा बनता था और अबभी बनाते है, मिकेनिकल जेकार्ड मशीन में प्रोडक्शन कम और डिज़ाइन का पैसा (कोस्ट) ज्यादा आता है, और तो और डिज़ाइन बदलने में ज्यादा समय चला जाता था. इसी कारन बाद में खातेवालो नए इलेक्ट्रॉनिक जेकार्ड टेक्नोलॉजी अपना ली. इलेक्ट्रॉनिक जेकार्ड में पार्टी की जरूरत के मुताबिक डिज़ाइन में फेरबदल कर शकते है, और प्रोडक्शन भी फ़ास्ट निकलता है, और मांग भी जल्दी पूरी की जा शक्ति है. आज अपनी सूरत की टेक्सटाइल इण्डस्ट्रीज में सारी, ड्रेस, कुर्ती, चनिया चोली, शेरवानी जेसे गारमेंट और हेन्द्लुम प्रोडक्ट जैसे की, बेडसीट, चद्दर, सोफा कवर, पिल्लो कवर, परदे का कपडा इलेक्ट्रॉनिक जेकार्ड में बनाए जाते है. और सारी के लेस बनाने के लिए स्पेश्यल नीडल जेकार्ड और महारानी जेकार्ड जैसी टेक्नोलॉजी अपनाई हुई है…
जेकार्ड डिज़ाइन यानि धागों में से डिज़ाइन वाला कपडा बनाने की अद्भुत कला जो कपडे का अविष्कार करता है. कपडा बनाने में हर रोज नई नई डिज़ाइन की जरुरत रहती है… जेकार्ड मशीन में पहले कपडा बनता है बाद में गारमेन्ट बनता है. कपडा बनाने के लिए पहले कोम्प्यूटर पर डिज़ाइन बनाया जाता है. कोम्प्यूटर पर डिज़ाइन बनाने से कपडे का प्रोडक्शन ज़डपि बनता है, मशीनपे वर्क बनने के कारन कपडे का फिनिशिंग अच्छा आता है, इसीलिए आजकल जेकार्ड के कपडे की डिमांड बहुत ही बढ़ गई है, और आनेवाले समय में और भी बढनेवाली है… क्योकि पहले के समय में जो कपडा जेकार्ड में बनता था उसमे काफी कुछबदलाव आया है, और नए – नए मशीनों में बहुत ही बढ़िया डिज़ाइन बनने के कारन मार्किट में उसकी डिमांड भी बहु बढ़ गई है…
जेकार्ड डिज़ाइन कोई भी स्कुल-कालेज में पढनेवाले लड़के – लड़किया, बिजनेस मेन, नोकरी करनेवाले कोई भी सिख सकते है | इसमें पढाई की जरूरत नहीं होती, लेकिन आज के समय के हिसाब से कम से कम १०वि कक्षा पढ़ा होना जरूरी होता है और इसमें भी अगर आप में क्रिएटिविटी (स्किल) हो तो पढ़ाई की भी जरूरत नहीं होती | मार्किट में कई ऐसी कंपनीज है, जिसको आपकी डिज़ाइन से मतलब होता है, नहीं के आपकी पढाई से | ऐसी कंपनी में आप जल्दी से अपना प्रोग्रेस कर सकते हो |
जेकार्ड डिज़ाइन में काम करके आप हर महीने में 15,000 से 1,10,000 और उससे भी जयादा कमाई कर सकते हो I डिज़ाइन सिखने में केवल 4महिना जितना ही समय लगता है और उसकी फ़ीस भी बहुत ही नार्मल होती है | एक बार डिज़ाइनर बन जाने के बाद यह इनकम आप जब तक इस फिल्ड में काम करते हो तब तक रहती है और वो भी सब आप के उपर निर्भर रहता है |
जेकार्डडिज़ाइन के फिल्ड में केवल शारीरिक और मानसिक के साथ साथ आपको समय का इन्वेस्टमेंट करके हर महीने जितना चाहो उतना रुपये कमा सकते हे | आज के समय में देश में कई बड़े बड़े डिज़ाइनर है जो लाखो – करोडो रुपए कमा भी रहे है |
जेकार्ड डिजाईन में शिख्नेवाले को ट्रेनिंग के बाद जॉब यानि की नोकरी की 100% गेरंटी दी जाती है I हमारी संस्था ‘मारुती एज्युकेशन ऑफ़ डिज़ाइन’ ट्रेनिंग की गारंटी इस लिए देती है, की मार्किट में जेकार्ड डिज़ाइनर की हंमेसा डिमान्ड रहती है I
जेकार्ड डिज़ाइन शिख्नेवाले किसी भी छात्र को कोर्ष ख़तम हो जाने के बाद काम मिलना बहुत ही जरूरी होता है I काम मिलने के बाद भी डिज़ाइनर को काफी सारी तकलीफे आती है I उसी वक्त सपोर्ट की जरूरत होती है I एक बार कम्प्लीट डिज़ाइनर बन जाने के बाद भी मार्किट में बहुत सारे नए कन्सेप्ट आते रहते है I कई बार ऐसा होता है की कुछ कन्सेप्ट समज में नहीं आ रहे है, तब वो जानने के लिए सपोर्ट ( साथ – सहकार ) की जरूरत रहती है I मतलब की जब कभी डिज़ाइनर को डिज़ाइन के बारे में या जॉब के रिलेटेड कभी भी हेल्प की जरूरत हो तब हमारी संस्था सपोर्ट करने के लिए हमेशा तैयार रहती है I
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